Sunday 12 February 2017

मुस्लिम साधनाओं के मुख्य नियम!!!!

साधकजनों!! बिना नियमों के कोई भी साधना सफल ही नहीं हो सकती और जब बात मुस्लिम साधनाओं की हो तो नियमों का विशेष ख्याल रखा जाता है ।  मुस्लिम साधनाओं के नियम निम्नलिखित हैं :-

1.मुस्लिम साधनाओं में वज्रासन का प्रयोग किया जाता है ।

2. वस्त्र स्वच्छ एवं धुले हुए इस्तेमाल करने चाहिए ।

3. असत्य भाषण से बचना चाहिए और यथासंभव कम बोलना चाहिए क्योंकि हम जितना ज्यादा बोलेंगे मुख से असत्य तो निकलेगा ही साथ ही साथ हमारी उर्जा भी ज्यादा नष्ट होगी ।

4. इस्लामिक साधनाओं में माला को उल्टा फेरा जाता है यानि माला को घड़ी की दिशा के विपरीत(Anticlockwise) फेरते हैं । माला फेरते समय सुमेरू का उलंघन नहीं किया जाता और सुमेरू आने पर माला को पलट कर फिर जपा जाता है। इन साधनाओं में "तस्बी" का उपयोग होता है । तस्बी को हिंदी में"विद्युत माला" कहा जाता है जो कि हरे रंग की होती है और अँधेरे में चमकती है ।

5.साधना स्थल साफ़ एवं शांत होना चाहिए । साधना स्थल पर गंदगी नहींफैलानी चाहिए । हर रोज़ पोचा लगाना चाहिए । एक बात का विशेष ध्यान रखें कि शौचालय के पास कभी साधना नहीं करनी चाहिए और कमरे में भी शौचालय नहीं होना चाहिए ।

6. साधक को मन, वचन एवं कर्म से ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए ।

7. साधक को शौच के बाद स्नान और लघुशंका के बाद हाथ पैर धोने चाहिए ।

8. मुस्लिम साधनाओं और अमलों में चमड़े से बनी हुई वस्तुओं से परहेज़ रखना चाहिए क्योंकि इन साधनाओं में  मुस्लिम पाक जिन्नातों की शक्ति मुख्यतः कार्य करती है ।

9. इन साधनाओं को करने के दिनों में और साधनाएँ और पूजा पाठ जैसे गायत्री मंत्र जप , शाबर साधनाएँ नहीं करनी  चाहिए क्योंकि इससे साधना में जो शक्ति संचार होता हैउसका क्रम अवरोधित हो जाता है और साधना में सफलता के अवसर कम हो जाते हैं ।

10. माला को जमीन के स्पर्श से बचाना चाहिए ।

11. सभी प्रकार की इस्लामिक साधनाओं में इत्र का प्रयोग तो होता ही है ज्यादातर इत्र को कानों पे रूई द्वारा  लगाया जाता है और कपड़ों पे छिड़का जाता है । इनमें  2 तरह के इत्र सबसे ज्यादा उपयोग किए जाते हैं 1. हीना का 2. गुलाब का । साधना में जिस इत्र का प्रयोग करने के लिए कहा गया हो उसी का प्रयोग करें और अगर कोई भी इत्र ना दिया हो तो हीना के इत्र का प्रयोग करें ।

12. अगर साधना में पुष्पों का प्रयोग करने के लिए कहा गया हो तो हमेशा तीव्र सुगन्धित पुष्पों का ही उपयोग करना चाहिए । गुलाब और चमेली के पुष्प इस दृष्टि से उत्तम हैं ।

13. साधना करने के बाद कुछ मिष्ठान का वितरण हमेशा करना चाहिए । इस बात को लोग हमेशा नज़रअंदाज़ कर देते हैं ,वो लोग यह नहीं जानते कि एसा करने से उनकी सफलता का प्रतिशत बढ़ जाता है ।

14. अगर साधना में भोग लगाने के लिए बोला गया हो तो दूध से बनी सफेद मिठाई का प्रयोग किया जा सकता हैं इसके लिए सफेद बर्फी उपयुक्त है ।

15. अगर धुप का उपयोग करने के लिए बोला हो तो लोहबान का ही प्रयोग करें । लोहबान को हर मुस्लिम साधना में इस्तेमाल करने से साधना अपना पूर्ण  प्रभाव देती है।

16.अगर संभव हो तो साधना के दौरान  मुस्लिम टोपी और तहमत(मुस्लिम लूँगी) धारण करनी चाहिए । 

17. साधना में सूती आसन का ही उपयोग करना चाहिए ।

18. अगर यंत्र बनाने के लिए बोला गया हो तो जिस वृक्ष की कलम का उपयोग करने के लिए कहा गया हो और जिस स्याही का प्रयोग करने को कहाहो उसका ही इस्तेमाल करना चाहिए ।अगर यंत्र बनाते समय कलम टूट जाए तो उस साधना को बंद कर देना चाहिए और किसी अन्य मुहूर्त पे उस साधनाको पुनः करना चाहिए । टूटी कलम और यंत्र को किसी मजार के पास रख आएँ ।

19. इस्लामिक दिनों के नाम :-1. इतवार - रविवार2. पीर - सोमवार3. मंगल - मंगलवार4. बुध - बुधवार5. जुमेरात - गुरुवार6. जुमा - शुक्रवार7. शनिचर - शनिवार इन नियमों का पालन अवश्य करें क्योंकि मैं आपको सफल होते हुए हीदेखना चाहता हूँ ।

6 comments: