1. माला फेरते समय ना तो स्वयं हिलना चाहिए और नाहि माला को हिलाना चाहिए ॥
2. माला फेरते समय उसमें से आवाज़ नहीं आनी चाहिए ॥
3. माला हाथ से गिरनी नहीं चाहिए । अगर एसा हो जाए तो उस माला की गिनती नहीं करनी चाहिए और उस मन्त्र से सम्बन्धित देवता से तथा अपने इष्ट देव से क्षमा माँगकर दुबारा जप शुरु कर देना चाहिए ॥
4. अगर जप करते समय माला टूट जाए तो उस साधना को वहीं रोक देना चाहिए और कोई अन्य शुभ मुहूर्त देख माला की प्राण प्रतिष्ठा कर दुबारा साधना शुरू कर देनी चाहिए ॥
5. माला को मध्यमा उँगली पर रखकर फेरना चाहिए और उसे तर्जनी के स्पर्श से बचाना चाहिए ॥
6. माला को फेरते समय ह्रदय के पास रखना चाहिए ॥
7. यदि धागा घिस जाए तो कोई शुभ मुहूर्त देख कर उसमें नया धागा डाल देना चाहिए और फिर उसकी प्राण प्रतिष्ठा करके ही जप करना चाहिए ॥
No comments:
Post a Comment