जय महाकाल!!!! कैसे हैं आप सब आशा है की महाकाल की कृपा से सब प्रसन्न होंगे।आपको हैरानी हो रही होगी की अचनचेत ही आचार्य मनदीप कहाँ से आ गए आज। सच्च तो यह है की मैं आपसे दूर कभी गया ही नहीं था,बस माँ भगवती और अपने गुरुदेव जी की आज्ञा का पालन कर रहा था । मेरी तो facebook ID तक बन्द करने का आदेश था । एसा क्यों हुआ था उससे पुराने साधक अच्छी तरह से अवगत हैं । मैं दो वर्ष पूर्व Facebook पे Active था, इसलिए अपने गुरुदेव की आज्ञा का पालन करते हुए अब उस ID को Open तक नहीं करूँगा । इसलिए इस दूसरी ID का निर्माण किया । साधकजनों अब मेरे गुरूदेव ने मुझे आज्ञा दी है की मैं आप सब लोगों का मार्गदर्शन करूँ और तब तक करूँ जब तक देह में श्वास हैं ।मेरी साधना में कुछ नवीनीकरण करने के लिए ही गुरूदेव जी ने मुझे उच्च कोटि की साधनाएँ करने को कहा था । मैंने गुरूदेव जी के सान्निधय में जो भी दुर्लभ साधनाएँ आत्मसात कीं आज उन्हीं के बारे में आप को अवगत करवाउँगा ताकि नए साधकों को समझ आ सके की तंत्र कोई खेल नहीं है और एक खेल से कम भी नहीं है, इस खेल में निरंतर खेलने वाला ही विजयी होता है । मैंने आसुरी दुर्गा की साधना की जिसे कोई आम साधक करने की सोच भी नहीं सकता । इस साधना को करने के लिए जिस धैर्य की आवश्यकता होती है वो काफी लम्बे समय की साधना के बाद ही आता है । इस साधना के पहले चरण में ही साधकों के पराण पखेरू तक उड़ जाते हैं कयोंकि जब पूरा श्मशान जागृत होता है तो वहाँ होने वाला अट्ठाहस सिर्फ वही समझ सकता है जिसने पहले हर एक इतर योनि साधना की कठिनाईओं का सामना किया हो । इस साधना के अतिरिक्त मैंने खूँटी साधना की जो की नाथ संप्रदाय की अत्यंत प्रचंड साधना है । यह साधना सिर्फ गुरु मुख से प्राप्त होती है और इस साधना को करने का सब से बड़ा लाभ यह होता है की साधक गुहमलोक में प्रवेश कर सकता है । यह एक एसा लोक है जहाँ प्रवेश करने वाला साधक उन तंत्र साधकों से मिल सकता है जो कई हज़ार सालों से वहाँ रह रहे हैं तथा उनसे तंत्र विद्या के वह गुह्म रहस्य प्राप्त कर सकता है जो की अब सम्पूर्णतः लुप्त हो चुके हैं । इसके साथ ही मैंने कींकण शाबर मन्त्रों का अद्भुत ज्ञान प्राप्त किया जिसके द्वारा हम किसी भी दिव्य लोक के भीतर प्रवेश कर सकते हैं और वहाँ से देवताओं की दिव्य वस्तुओं को भूलोक में लेकर आ सकते हैं । परन्तु एसा एक बार करने के बाद मैंने इसका दुबारा प्रयोग नहीं किया क्योंकि एसा करने से दिव्यलोकों का संतुलन डगमगा जाता है इसलिए एक देवता के आग्रह पर मैंने वो वस्तु वापस कर दी थी जो उनसे ग्रहण की थी। अन्य कई साधनाएँ जैसे सलीमा परी की साधना , बर्बर भावती क्रिया , आसुरी विद्या , मिथलेश नाथ शाबर आह्वान , भूँगट फट मंत्र प्रयोग , कालकंड सुबहानी साधना , मुस्लिम शाहे दस्तगीर अमल आदि किए । साधकजनों यह तो अभी बहुत कम साधनाएँ हैं जो साधनाएँ मैंने की हैं उन सभी को करने में कम से कम 10 वर्ष का समय लगता है लेकिन मैंने मात्र 2 वर्षों में ही सारी साधनाएँ काल विखंडन के माध्यम से संपन्न की हैं । मैं बहुत प्रसन्न हूँ की एक बार फिर आप सबके मध्य आने का अवसर मिला और आगे भी एसी साधनाएँ Post करूंगा जो आज तक आपने कहीँ भी सुनी नहीं होंगी, कयोंकि अब तंत्र का दुर्लभ ज्ञान कुछ उच्च कोटि के साधकों के पास ही रह गया है और अब Internet को Check करता हूँ तो देखता हूँ की मेरी दी हुई परी साधना को कई लोग अपनी Websites पे पोस्ट कर रहे हैं वो भी मेरे अनुभव के साथ। उनसे मात्र एक ही निवेदन करना चाहता हूँ कि अगर उनके पास वास्तव में कोई अमल या साधना है जो उन्होंने की है तो वो ही पोस्ट करें नहीं तो आगे चलकर उनका भविष्य ही नष्ट होगा । बस अब धैर्य के क्षण समाप्त हुए और उन दिव्य साधनाओं से अपने संपूर्ण जीवन का कायाकल्प करने के लिए तैयार हो जाइए । महाकाल आप सब को प्रसन्न रखें । जय महाकाल !!!!
गुरुजी
ReplyDeleteप्रणाम
मुझे त्रंत्र साधना की बहुत ईच्छा है
कृपया मर्गदर्शन करें
गुरुजी
ReplyDeleteप्रणाम
मुझे त्रंत्र साधना की बहुत ईच्छा है
कृपया मर्गदर्शन करें
Ye mera youtube channel haisubscribe kren https://youtu.be/iJDnSyEndPs
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ReplyDeleteYe mera youtube channel hai subscribe kren https://youtu.be/iJDnSyEndPs
ReplyDeleteGuru ji pranam
ReplyDeleteSat sat pranam
I want kal gyan mantra YouTube
Guru ji raksha karo
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