Sunday 12 February 2017

साधना के विशेष नियम!!!!

1. जप हमेशा साफ और छेद रहित आसन पर बैठ कर ही करना चाहिए ॥

2. जप करते समय पैर नहीं फैलाने चाहिए ॥

3. जप करते समय नाखून कुतरना , धागा तोड़ना , गर्दन घूमाना , बाल बाँधना , गर्दन घूमाना वर्जित है ॥

4. जप के समय यदि उबासी , पाद , छींक , डकार और अंगड़ाई आ जाए तो यह दोष माने जाते हैं । इनकी निवृत्ति के लिए एक पात्र जल भरकर रखना चाहिए और जब ये सब मुश्किलें आएँ तो अपने बांए हाथ की उँगलियों से जल लेकर पहले दांए और फिर बांए कान पे लगाकर पुनः जप वहीं से करना चाहिए जहाँ छूट गया था ॥

5. यदि मंत्र जप के समय मंत्र गलत बोला जाए तो दुबारा उसी मनके पर मंत्र बोलकर आगे बढ़ें ॥

6. साधना के दौरान कच्चे प्याज , लहसुन और अन्य अभक्ष्य भोजन जैसे फास्ट फूड आदि नहीं खाने चाहिए ॥

7. साधना के दौरान स्त्री की बातें करना , अश्लील चित्र और फिल्में देखना वर्जित है ॥

8. साधना के समय उबटन लगाना , बिना भोग लगाए भोजन करना , जप के समय बात करना वर्जित है , यदि बात करनी ही पड़े तो पुनः आचमन और अंगन्यास करके ही जप करें ॥

9. अपवित्र हाथ , बिना स्नान किए , नग्नावस्था या फिर सर पर वस्त्र रखकर जप करना वर्जित है ॥

10. जप करते समय मल , मूत्र विसर्जन- वेग हो तो इसे ना रोकें नहीं बल्कि उसे कर आईए और फिर आचमन तथा अंगन्यास करके ही जप करें ॥

 11. मंत्र जप मध्यम गति से करना चाहिए और हमें ही सुनाई देना चाहिए ॥

12. मन्त्र को गाकर , लिखकर ना जपें ॥

13. जितना जप पहले दिन किया है आगे के दिनों में भी उतना ही जप करें ॥

14. साधना के दिनों में भूमि शयन , ब्रह्मचर्य अति आवश्यक है ॥

15. साधना के दौरान एसे घर में जहाँ किसी की मृत्यु हुई हो , बच्चा जन्मा हो ना जाएँ ॥

16. अपने आसन व भूमिशय्या पर किसी और को ना बैठने दें ॥

17. एक वस्त्र या बहुत अधिक वस्त्र पहन कर जप ना करें ॥

18. जप के समय धोती पहनें और अपने गले में एक और कपड़ा पहनें ॥




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